दुआ 
वो हर पल खुदा से 
अपने प्यार की सलामती की 
दुआ करता है 
हर लम्हा उसकी ख़ुशी
की फ़रियाद करता है 
दिन - रात उसकी इक हँसी
के लिए 
आंसू बहाता है 
खुदा कहता है, 
"ए बन्दे , मैंने तेरी झोली में 
तेरा प्यार दिया जो 
तूने मुझसे माँगा, 
अब मै क्या कर सकता हूँ ?
जो करना है तूँ कर 
प्यार की ताकत के आगे तो 
मै भी बेबस और लाचार हूँ 
हिम्मत है तो 
कर हिफाजत अब अपने 
प्यार की 
निभाने का हौंसला रख 
फूल के साथ कांटे भी चुन
अमृत के साथ विष भी पी 
फिर देख मै तेरे साथ हूँ 
उसकी ख़ुशी भी तूं गम भी तूँ 
हँसी भी तूँ आंसूं भी तूँ 
सलामती भी तूं ,
तकदीर भी तूँ , 
वफ़ा भी तूँ ,जफा भी तूँ "
 
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