Tuesday 10 December, 2013

दरमियाँ



दरमियाँ तेरे मेरे ............
सिलसिले यूँ ही चलते रहें
मुलाकातें न सही बातें होती रहें

दरमियाँ तेरे मेरे ................
साँसें यूँ ही चलती रहें
उम्र न सही झलक  मिलती रहें

दरमियाँ तेरे मेरे .................
बगिया यूँ ही खिलती रहे
रिश्ता न सही डोर  बंधती  रहे

दरमियाँ तेरे मेरे .................
परवाने यूँ ही जलते रहें
तन न सही मन मिलते रहें

दरमियाँ तेरे मेरे ..............
अहसास यूँ ही मचलते रहे
वफ़ा  न सही खामोशी पनपती रहे

दरमियाँ तेरे मेरे ................
फाँसले यूँ ही कटते रहे 
मंजिल न सही सफ़र चलते रहें    

अलका सैनी

4 comments:

  1. दरमियाँ तेरे मेरे कुछ न होकर भी कुछ तो रहे

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  2. Interesting and Poem, Pyar Ki Kahaniya and Hindi Story Shared By You Ever. Thank You.

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  3. दरमियाँ तेरे मेरे ................
    फाँसले यूँ ही कटते रहे
    मंजिल न सही सफ़र चलते रहें

    ....कमाल कर दिया उत्कृष्ट भाव संयोजन से सजी बेहतरीन भावाभिव्यक्ति।

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