दरमियाँ तेरे मेरे ............
सिलसिले यूँ ही चलते रहें
मुलाकातें न सही बातें होती रहें
दरमियाँ तेरे मेरे ................
साँसें यूँ ही चलती रहें
उम्र न सही झलक मिलती रहें
दरमियाँ तेरे मेरे .................
बगिया यूँ ही खिलती रहे
रिश्ता न सही डोर बंधती रहे
दरमियाँ तेरे मेरे .................
परवाने यूँ ही जलते रहें
तन न सही मन मिलते रहें
दरमियाँ तेरे मेरे ..............
अहसास यूँ ही मचलते रहे
वफ़ा न सही खामोशी पनपती रहे
दरमियाँ तेरे मेरे ................
फाँसले यूँ ही कटते रहे
मंजिल न सही सफ़र चलते रहें
अलका सैनी
दरमियाँ तेरे मेरे कुछ न होकर भी कुछ तो रहे
ReplyDeleteInteresting and Poem, Pyar Ki Kahaniya and Hindi Story Shared By You Ever. Thank You.
ReplyDeleteदरमियाँ तेरे मेरे ................
ReplyDeleteफाँसले यूँ ही कटते रहे
मंजिल न सही सफ़र चलते रहें
....कमाल कर दिया उत्कृष्ट भाव संयोजन से सजी बेहतरीन भावाभिव्यक्ति।
शुक्रिया जी
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