"जल रही एक दीवाली "
जल रही मेरे भीतर भी एक दीवाली 
पुरुष के पुरुषत्व की दीवाली
सीता का सतीत्व हो रहा नष्ट 
आदमी में पनप रहा रावण भ्रष्ट
 जल रही मेरे भीतर भी एक दीवाली 
औरत के अहम् की दीवाली 
सदियों से बलि परम्पराओं की रस्म 
जिस्म की आबरू हो रही भस्म 
 जल रही मेरे भीतर भी एक दीवाली 
इंसान की संवेदनाओं की दीवाली 
भाई- भाई का काट रहा हाथ  
मूल्यों की इंसानियत हो रही राख 
 जल रही मेरे भीतर भी एक दीवाली 
हाहाकार , चीत्कारों की दीवाली 
आतंकवाद के विस्फोट का पटाखा 
मानवता को दे रहा है झटका 
 जल रही मेरे भीतर भी एक दीवाली 
गरीब की रोटी की दीवाली 
कभी ना मिटने वाली पेट की भूख 
भ्रष्टाचार से धरती की कोख रही  सूख 
 जल रही मेरे भीतर भी एक दीवाली 
जाति, रंग, धर्म की दीवाली 
राजनेता देश को रहा लूट 
जनता में डाल भेदभाव की फूट 
 जल रही मेरे भीतर भी एक दीवाली 
धन- दौलत, ऐश्वर्य की दीवाली 
रिश्ते- नाते रह गए पैसों की माया 
अपनत्व रह गया दिखावे की काया 
 जल रही मेरे भीतर भी एक दीवाली 
मा की ममता की दीवाली 
नशे के धूएँ में युवा है  ध्वस्त 
भविष्य के सपने हो रहे पस्त 
 जल रही मेरे भीतर भी एक दीवाली 
चमकते सौंदर्य  की दीवाली 
दोस्ती- प्यार भी देखे खूबसूरत तन 
कोई ना परखे शुद्द , पाक  मन 
 
nice alka ji
ReplyDeleteNice emotipns
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